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Meerut Teacher Murder: आखिर क्यों छिपाया ये बड़ा राज, अफसरों पर उठे सवाल, तस्वीरों से होगा खुलासा

Meerut Teacher Murder: आखिर क्यों छिपाया ये बड़ा राज, अफसरों पर उठे सवाल, तस्वीरों से होगा खुलासा

मेरठ में शिक्षिका चंदा की हत्या में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और नौचंदी पुलिस की कारगुजारी सामने आई है। 
शिक्षिका के शरीर पर चोट के निशान दिखाई दिए, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट नहीं दर्शाई गई। इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेजकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट की दोबारा जांच की मांग की गई है।

शास्त्रीनगर सेक्टर-2 निवासी शिक्षिका चंदा अरोरा (38 वर्ष) पत्नी संजय लूथरा की चार दिन पूर्व हत्या हो गई थी। इसमें संजय लूथरा और उसके दोस्त डॉ. रजत भारद्वाज को पुलिस ने जेल भेज दिया। नौचंदी थाने की पुलिस शिक्षिका के पति को क्लीन चिट देने की तैयारी में थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी शिक्षिका के शरीर में चोट के निशान को नहीं दर्शाया गया।

इसी दौरान संजय के मोबाइल में एक फोटो मिला, उसमें डॉ. रजत महिला की तकिये से दबाकर हत्या करते हुए दिख रहा था। इसके बाद ही घटना का खुलासा हुआ। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट की दोबारा जांच के लिए पुलिस ने स्वास्थ्य महानिदेशक के नाम पत्र भेजा है।


पोस्टमार्टम की कराई थी वीडियोग्राफी, फिर क्यों नहीं दर्शाई चोट

शिक्षिका के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी पुलिस द्वारा कराई गई थी। बताया गया कि महिला डॉक्टर समेत तीन डॉक्टरों का पैनल था। महिला के शरीर में कुछ जहरीला पदार्थ था। इसके चलते विसरा सुरक्षित रखा गया। पुलिस के मुताबिक, शिक्षिका के शरीर पर चोट के निशान मिले, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं दर्शाया गया। पुलिस ने अब दूसरे जिले के डॉक्टर से जांच कराने की मांग की है।
कई साक्ष्य जुटाए हैं
शिक्षिका हत्याकांड में पुलिस ने कई साक्ष्य जुटाए हैं। पति संजय लूथरा के मोबाइल में मिले फोटो से आरोपी डॉ. रजत भारद्वाज का खुलासा हो पाया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी के आधार पर अब दोबारा जांच कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
वीडियोग्राफी कराकर पोस्टमार्टम कराया है। अब फिर से डॉक्टर से दोबारा जांच की मांग की गई। - देवेश सिंह, सीओ सिविल लाइन

अगर चोट होगी तब ही जिक्र होगा...

पोस्टमार्टम में चिकित्सकों की टीम मौजूद थी और वीडियोग्राफी भी हुई है। अगर चोट होगी तो रिपोर्ट में उसका जिक्र होगा। अगर चोट नहीं मिली होगी, तो फिर उसका जिक्र भी नहीं होगा। उनकी ओर से पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पुलिस को दे दी जाती है। - डॉ. अखिलेश मोहन, सीएमओ