uppsc pcs: पैटर्न में बदलाव के साथ बदल गया पीसीएस का परिणाम, पैटर्न में बदलाव के मुताबिक तैयारी करने वालों को मिली सफलता
मेरिट में वैकल्पिक विषय को आधार बनाकर परंपरागत तैयारी करने वालों का प्रतिनिधित्व कम हो रहा है।
मेरिट में नई उम्र के उन लोगों को स्थान मिल रहा है, जिन्होंने परंपरागत तरीका छोड़ पैटर्न और पाठ्यक्रम में हुए बदलाव के मुताबिक खुद को बदल लिया है। यकीन न हो तो 2018 और 2019 की मेरिट सूची देख लीजिए। इस सूची में अब परंपरागत तैयारी करने वाले पूर्वांचल के प्रतियोगियों के साथ ही पश्चिमी यूपी और दूसरे राज्यों के मेधावी भी स्थान बनाने लगे हैं। पीसीएस के पिछले 13 परिणामों में 2014 को छोड़ बाकी 12 परिणामों में आयोग ने मेरिट सूची घोषित की थी।
कॉपियों की अलग-अलग कराई जाए जांच
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय इस बात से सहमत हैं कि पैटर्न और पाठ्यक्रम में बदलाव के कारण पीसीएस का परिणाम बदला है। बकौल अवनीश इसकी एक और बड़ी वजह पैटर्न और पाठ्यक्रम में बदलाव के बावजूद कॉपियों के मूल्यांकन की प्रक्रिया में बदलाव न होना है। अभी हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के छात्रों की कॉपियां अलग-अलग मूल्यांकित नहीं कराई जा रही हैं। इसका सीधा नुकसान हिन्दी माध्यम के छात्रों को हो रहा है। परिणाम के प्रति असंतोष की यह भी एक बड़ी वजह है।
वर्ष टॉपर का नाम जिला
2007 पुष्पराज सिंह मिर्जापुर
2008 वैभव मिश्र प्रतापगढ़
2009 राकेश कुमार सिंह गोरखपुर
2010 अरविंद कुमार सिंह गाजियाबाद
2011 हिमांशु कुमार गुप्ता प्रतापगढ़
2012 अनुभव रंजन श्रीवास्तव आजमगढ़
2013 पंकज सिंह मऊ
2014 नाम घोषित नहीं हुआ था
2015 सिद्धार्थ यादव जौनपुर
2016 जयजीत कौर होरा कानपुर
2017 अमित शुक्ला प्रतापगढ़
2018 अनुज नेहरा पानीपत (हरियाणा)
2019 विशाल सारस्वत मथुरा